क्या अब घर में भी पहनना होगा मास्क, कब आएगा कोरोना का पीक? जानिए इन जरूरी सवालों के जवाब
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस समय देश में 82 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हो गए हैं. जबकि 16.25% एक्टिव केस हैं.
महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में अभी 1-1 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं.
महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में अभी 1-1 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं.
Corona second wave:कोरोना की दूसरी लहर में लोगों में दिलोदिमाग में इन दिनों कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका सवाल अब हर कोई जानना चाहता है. पहला यह कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब आएगा, दूसरा की क्या अब ऐसे हालात हैं कि घर में भी मास्क पहनना पड़ेगा? कोविड19 स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 26 अप्रैल को हुई प्रेस कॉन्फ्रेस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अब समय आ गया है कि आपको घर में भी मास्क पहनने की जरूरत है. दूसरी ओर, आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर मई के दूसरे-तीसरे हफ्ते में पीक पर होगी. उसके बाद मई के आखिर तक कोरोना मामलों में तेजी से कमी आएगी.
अब घर में मास्क लगाने की जरूरत
भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) के हालात पर लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान संयुक्त सचिव ने बताया कि पिछले साल में मुकाबले इस बार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ये वायरस सिर्फ इंसानों में ही फैलता है, जिसे रोकने के लिए कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर लागू रखना होगा. इस दौरान, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (V.K. Paul) ने कहा कि अब समय आ गया है कि आपको घर में भी मास्क पहनने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण दिखते हैं, लेकिन रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि नहीं होती है, तो भी कुछ समय के लिए क्वारंटीन में रहने की जरूरत है. वहीं, अगर घर में कोई पॉजिटिव है तो मानकर चलिए आप भी संक्रमित हैं. इसलिए जरूरी है कि घर पर भी मास्क का उपयोग किया जाए.
82 फीसदी कोरोना मरीज रिकवर
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि इस समय देश में 82 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हो गए हैं. जबकि करीब 16.25% मामले यानी 28,13,658 मामले अभी भी एक्टिव है, जिसकी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में एक्टिव केसों की संख्या ज्यादा बनी हुई है, जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं. इन राज्यों में अभी 1-1 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं. अग्रवाल ने आगे कहा कि हम सभी राज्यों से बात कर रहे हैं और हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण भी नजर आते हैं तो बिना देरी कोराना का टेस्ट करा लें और टेस्ट की रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन में रहें.
लोगों में है बेवजह का पैनिक: रणदीप गुलेरिया
AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'पूरे इंडिया को एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ ये लड़ाई लड़नी होगी. अभी लोगों में फिजूल का पैनिक है. इससे बहुत नुक्सान हो रहा है. जिसकी भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है वो सीधा अस्पताल की तरफ भाग रहा है, और दवाइयां जमा कर रहा है. इतना ही नहीं, ऑक्सीजन का भी मिसयूज किया जा रहा है. डॉ. गुलेरिया ने एक बार फिर कहा कि रेमडेसिवीर (Remedesivir) के पीछे न भागें, इसका ज्यादा फायदा नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस ड्रग में कोई फायदा नहीं देखा है. इसके अलावा और भी दवाइयां मार्केट में मौजूद हैं.
कोरोना पीक पर IIT के वैज्ञानिकों का आकलन
कोविड-19 (Covid-19) को लेकर पूरी दुनिया में स्टडी और रिसर्च जारी है. जिसके तहत एक थ्योरी ये भी है कि पीक पर जाने के बाद स्थिति सामान्य होती है. यानी संक्रमण कम होने लगता है. इस बीच देश में देश के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय आकलन से दूसरी लहर की पीक पर आंकड़ा जारी किया है. आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर 14 से 18 मई के बीच चरम यानी पीक पर होगी. उस दौरान देश में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 38 से 48 लाख तक पहुंच सकती है. उसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी. व
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आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दसससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच (सूत्र फॉर्मूला) मॉडल के आधार पर ये अनुमान लगाया है कि कोरोना के मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की तादाद में 10 लाख की बढ़ोतरी हो सकती है. इसी तरह देश में रोजाना सामने आ रहे नए कोरोना मरीजों के आंकड़े की बात करे तो 4 से 8 मई के बीच ये तादाद 4.4 लाख हो सकती है.
इस महीने के शुरू में, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान लगाया था कि देश में 15 अप्रैल तक उपचाराधीन मामलों की संख्या चरम पर होगी, लेकिन यह बात सच साबित नहीं हुई. IIT-कानपुर में कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नालजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा, ‘इस बार, मैंने पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम कैलकुलेशन भी की है. मुझे विश्वास है कि वास्तविक आंकड़ा बताए गए न्यूनतम और अधिकतम आंकड़े के बीच होगा.’ वहीं अग्रवाल ने रविवार को उपचाराधीन मामलों और नए मामलों के चरम पर पहुंचने के पूवार्नुमान संबंधी नए आंकड़े ट्विटर पर साझा किए.
India projections can be found in this thread: https://t.co/71lnboBBpJ
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) April 25, 2021
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07:05 PM IST